Hindi Quote in Motivational by Saroj Verma

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मैं स्त्री हूंँ.....


मैं स्त्री हूँ और मुझे स्त्री ही रहने दो कृपया मुझे देवी का स्थान मत दो,क्योंकि देवी का स्थान देकर ये संसार मुझे शताब्दियों से केवल ठगता ही आया है,मैं भी सभी की भाँति अस्थियों एवं लहू से बनी हूँ,मेरे भीतर भी वैसे भी भाव आते हैं जैसे कि सबके भीतर आते हैं,मुझे भी अत्यधिक नहीं किन्तु कुछ सम्मान की आशा रहती है,मेरा भी एक मन हैं जो कभी कभी स्वतन्त्रता एवं स्वमान चाहता है,
     ये सत्य है कि विधाता ने स्त्री को पुरुष की तुलना में कोमल एवं संवेदनशील बनाया है परन्तु ये तो नहीं कहा जा सकता कि उसका क्षेत्र पुरूषों से पृथक है तो क्या इसलिए उसे जीवनपर्यन्त पुरूष के संरक्षण में रहना होगा।।
      सामाजिक जीवन में कभी भी स्त्री पुरूष के समकक्ष सम्मान की अधिकारिणी नहीं बन पाई,स्त्री की वास्तविक स्थिति पर विचार करें तो आदर्श एवं यथार्थ में बड़ा अन्तर दृष्टिगत होता है।।
     सच तो ये है कि समाज का पुरूष ,स्त्री की भूमिका को विस्तारित नहीं करना चाहता,उसे भय है कि कहीं स्त्री के अभ्युदय से उसका महत्व एवं एकाधिकार ना समाप्त हो जाए,किन्तु ये पुरूष समाज ये क्यों नहीं समझता कि जब स्त्री प्रसन्न होगी तभी तो वो सभी को प्रसन्न रख पाएगी,
      मैं अधिक तो नहीं ,कुछ ही धरती माँगती हूँ स्वयं के लिए कि जब भी मेरा मन खिलखिलाने का करें तो खिलखिला सकूँ,बस आकाश का कुछ अंश चाहिए कभी कभी मुझे भी अपने सिकुड़े हुए पंखों को फैलाने का मन करता है,एक ऊँची उड़ान भरने का मन करता है,मै भी कभी कभी रंग बिरंगी तितलियों के पीछे भागना चाहती हूँ,रातों को खुले आसमान में तारों को निहारना चाहती हूँ,कभी कभी जुगुनुओं को मुट्ठी में भरना चाहती हूँ,बस इतना ही चाहती हूँ।।
    मैं जीवनभर अपने परिवार के प्रति समर्पित रहती हूँ तो क्या मुझे इतना अधिकार नहीं मिलना चाहिए कि कुछ क्षण केवल मेरे हों और उन क्षणों में मैं अपने स्त्रीत्व को खोज सकूँ,अपनी कल्पनाओं को उडा़न दे सकूँ,मैं केवल कुछ क्षणों का सूकून चाहती हूँ.....केवल....सूकून.....
     मैं स्वयं को पाना चाहती हूँ,वर्षों से खोज रही हूँ स्वयं को अब तो खोज लेने दो स्वयं को ,

समाप्त.....
सरोज वर्मा....


     

Hindi Motivational by Saroj Verma : 111691686
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