🙏 बहनों को समर्पित 🙏
मन के द्वार पे मिलता हूँ कहीं आता-जाता नहीं।
मन वाले पा लेते हैं मन से,बेमन को भाता नहीं।।
भावनाओं के सिवा कुछ और समझ मुझे आता नहीं।
मेरी भावना किसी दिव्यता को पहले ही समर्पित है।।
बहनों के सिवा किसीको कुछ बताता भी नहीं।
ये स्नेह का बंधन है हर किसी को निभाना आता भी नहीं।।
🌹 बिल्कुल कृष्ण और कृष्णा के जैसा नाता है दूरियाँ दूर ही रहतीं है मेरे हृदय प्रदेश से
-सनातनी_जितेंद्र मन