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क्या कभी ऐसा होगा
मैं उससे सवाल करूं
और उसे जबाव देना होगा
माना बेवफाई की बहुत हैं उसने
क्या मुझे उसे माफ़ करना होगा
उसने बड़े अदब से जख्म दिए मुझे
क्या मुझे उनका इलाज करना होगा
क्या उसके दिये जख्मों का हिसाब करना होगा
मैंने उसका साथ निभाया बड़े प्यार से
मैंने खुद पर सितम खाये बड़े आराम से
क्या उसे मुझे समझना होगा
माना नाराज बहुत ज्यादा उससे
क्या कभी ये दिल उसके पास होगा
उसके इंतज़ार में मैंने इंतज़ार किया बहुत हैं
उसके लिए दिल में अरमाँ बहुत
क्या कभी फिर से उससे मिलना होगा
क्या अब भी उसका इंतजार होगा
उससे बातें पहले होती बहुत थी
वों मेरे लिए रोती बहुत थी
क्या फिर से कभी ऐसा माहौल होगा
क्या फिर से बातों का सिलसिला होगा
जब वो मेरे साथ थी तो
वों मुझसे प्यार करती बहुत थी
हर रोज मुलाकात करतीं बहुत थी
क्या उससे फिर कभी प्यार करना होगा
क्या मुझे उसे माफ़ करना होगा
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