तेरी याद में रोते रहे,
कभी जागते कभी सोते रहे,
कभी टूट के बिखरते रहे,
तो कभी रात भर सोए नहीं,
हर वक्त यह सोचते रहे,
क्यों साथ हैं कहते रहे,
गलती हमारी ढूंढते रहे,
सजा जिसकी हमको मिलती रही,
दुनिया की दुनियादारी के लिए,
दिखावा साथ का करते रहे
तुम दर्द ना समझे मेरा
तकलीफ हम सहते रहे,
प्यार को पाने के लिए,
प्यार से लड़ते रहे,
ना प्यार हमको मिल सका,
ना हम प्यार के हम हो सके,
इस अजीब सी कशमकश में,
बस हम दोनों सहते रहे,
सहते रहे कहते नहीं,
पास होकर भी दूर होते रहे,
तुम पास मेरे होते नहीं,
तुम साथ मेरे होते नहीं।
-Sakshi jain