मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
अर्थ : मन-जैसी स्फूर्ति और वायु-जैसे वेग वाले, परम बुद्धिमान, इन्द्रियनिग्रही, वानरपति, वायुपुत्र हनुमान की शरण लेता हूं। ब्रह्मदत्त ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर जय कपीश तिहू लोक उजागर राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा -ब्रह्मदत्त त्यागी
पौराणिक शनि मंत्र :
1. ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्। ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़