अंदर ही अंदर चीखता हु चिल्लाता हु,
अंदर ही अंदर खुदको आवाज़ देता हु,
क्यूँ की सुनाने वाले तो बहुत बैठे है,
पर सुनने वाला कोई नही है ....!!!!

हर्ष परमार

English Hiku by Harsh Parmar : 111639656
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now