ख्वाब की आड़ में हकिकत भुल बेठे....
तेज़ लहेरो कि #गति को तुफां समझ बैठे....
और हां
पता था कि दिवारे कच्ची है अपने मकान की,
फिर भी moni, उन बारिशों से दोस्ती कर के बेठे.....

#गति
#ગતિ

- Moni patel

Hindi Shayri by Moni Patel : 111556318

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