मरदूद शायर लानत इंदौरी ने नरक से यह ताज़ा ग़ज़ल भेजी है-
यहां तो यमदूत पीट रहे हैं, जन्नत इसका नाम थोड़ी है
चित्रगुप्त हिसाब कर रहे हैं, किसी हूर का निज़ाम थोड़ी है
ओसामा है, कसाब है और अफ़ज़ल भी है यहां
यह कोई ख़ुदा या फ़रिश्तों का मुक़ाम थोड़ी है
घूमते हैं यहाँ हर तरफ़ लिजलिजे सूअर
यहाँ बहत्तर हूरों के हुस्न का जाम थोड़ी है
भरे पड़े हैं यहाँ तमाम ग़द्दार मेरे ही जैसे
यहाँ किसी मुल्क का शरीफ़ अवाम थोड़ी है
मुल्क से ग़द्दारी पे सौ-सौ बार मुझको “लानत”
उसी की सजा है, ख़िदमत का इनाम थोड़ी है।
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😜😂😂