था कभी
जमाना हो गया, एक चहेरे को देखे हुए,
सपने में रोज रोज जो, आता था कभी,
धीमे से हलके से, चूम लेता मे आंखें
उन आंखों में खुद को, देखा था कभी
हाथो में हाथ लिए, चल पड़ते दूर कहीं,
उन हांथो ने दिल पे, हाथ रखा था कभी,
सांसे चलेगी जब तक, संग रहोगे तुम ?
इस बात पे बहेस, करता रहेता था कभी,
निंद से अब तो, लड़ाई ही कर दी है हमने,
आता नहीं सपना तेरा, तू मेरा था कभी?
बिंदी पंचाल "बिंदिया"
वडोदरा