शुभ संध्या शनिवार जय हनुमान जय शनिदेव महाराज ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी भक्तों का प्रणाम नमन नमस्कार है यह संध्या शनिवार है
शुभ संध्या शनिवार जय हनुमान जय शनि देव महाराज ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
एवं सभी भक्तों का प्रणाम नमन नमस्कार है यह संध्या शनिवार है
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मंत्र: ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
पौराणिक शनि मंत्र: ॐ हिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
ॐ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम |
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः।
ॐ शां शनैश्चराय नमः।
ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभि टये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात्
शुभ संध्या वंदन शनिवार जय शनि देव जय शनि देव जय शनि देव ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ एवं सभी
भक्तों का शनिदेव प्रणाम नमन नमस्कार स्वीकार करें आज संध्या शनिवार की यह सुंदर एवं सुशील
आकृति लिए हुए यह संध्या सभी को शुभ हो मंगलमय हो सभी हनुमान भक्तों को एवं शनि देव भक्तों
को ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़ का प्यार भरा संध्या नमस्कार
शनिदेव को प्रसन्न करने के सिद्ध मंत्र
वैदिक शनि मंत्र: ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
पौराणिक शनि मंत्र: ऊँ हिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजमा छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि
शनैश्चरम्।।
तांत्रिक शनि मंत्र: ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि स्तोत्र: कोणस्थः पिंगलोबभ्रुः कृष्णो रौद्रोन्तको यमः। सौरिः शनैश्चरो मन्दः पिप्पलादेन संस्तुतः।।
एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।
इसके अलावा नित्य प्रातः शनिदेव के दस नामो का स्मरण करने से भी शनि की पीड़ा शांति होती है।
ॐ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
ॐ शांशनैश्चराय नमः।
ॐ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभि टये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्।
विशेष: शनि मंत्र का जाप 8 बार किया जाता है।
प्रस्तुतीकरण ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़