#Actual Reality of human Being Existence..!!


My Eventual Poem...!!!


ख़्वाहिश अब कहाँ रहीं
बेसबब बागों में टहलने की

अब तो नौबत आ गई है
कलियों तक से भी बचने की

अजनबी कभी मेहमान-से
हुआ करते थे यहाँ तेहझीब़ की

दहलीज़ पर आजकल हर
अजनबी है नोक पर वहमों की

नज़दीकी बारीकी से निभाते
आज नज़दीकी वजह परेशानी की

रिश्ते-नाते प्यार-मोहब्बत सब
है ताख़ पर, पड़ी है सब को जान की

प्रभुजी यह कैसा कोरोनावायरस
आया जो देता नहीं मोहलत पल की

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Hindi Motivational by Rooh   The Spiritual Power : 111494638
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