विचलित हुं क्यूंकि कमी खोज रहा हु,
किसने क्यां प्राप्त किया वही सोंच रहा हुं,
सजकर गया था में खुद को कोंस रहा हुं,
वजुद तो था ही नथी फिर क्यूँ प्रस्ताव रख रहा था में यही सोंच रहा हुं।
#सजावट

Hindi Shayri by Deeps Gadhvi : 111459476

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