रिश्तों की डोर हाथ से छूटने लगी है,🗯️
बात बात पर लड़ाई घर घर होने लगी है।
करनी होगी शुरुआत सब्र सहनशीलता की,
मन में प्रेम और हृदय में उदारता की।💖
ना सोचना कि कौन करे शुरुआत,
सिर्फ सोचना कि जरूरी है कि हो शुरुआत।🤝
#शुरुआत

Hindi Shayri by Bharti : 111456824

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