सागर से मिल के मेंने अपनी धारा को बांध लिया..

है कान्हा..! तूने सागर की इस धारा को राधा का सन्मान दिया..

-परमार रोहिणी " राही "

#मान

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111419715

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