Sssssssh... Dhundh me Koi Raaz hai?? in Hindi Adventure Stories by Mini books and stories PDF | शशशशश...... धुंध में कोई राज है?? - भाग 8

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शशशशश...... धुंध में कोई राज है?? - भाग 8

अरनव इन्वेस्टिगेशन में बहुत बिजी था वो हर सबूत को दोबारा खोजबीन करने लगा था लेकिन उसके मन में ना जाने क्यों राठौड़ खटक रहा था उसने उस रिपोर्टर सूरज की डायरी में जो भी नाम लिखा था उन सभी लोगों से पूछताछ करना शुरू किया ...



Rathore sun's Real estate company..

हॉस्पिटल से आने के बाद राजवीर ऑफिस चला गया था ..

राजवीर अपनी केबिन में साथ ही दो एम्पलोई और निम्मी थी वो लोग बात कर रहे हैं दो दिन में क्या हुआ और कौन आए थे एक ने कहा,"पुलिस ऑफिसर आए थे आपसे मिलने के लिए ..!!

राजवीर ने पूछा,"क्यों किसलिए पुलिस आई थी मिलने ,कुछ बताया..??

एम्पलोई ने कहा,"नहीं सर वो रिसेप्शनिस्ट से बात किया और जाने से पहले बोले है वो दोबारा आएंगे ..!!

राजवीर ने कहा,"ठीक है, आएगा तो पता चलेगा ,और कोई आया है ..??

निम्मी ने कहा,"सर कल मिस्टर जतिन खन्ना आए थे कुछ टिकट लेकर कल कुमार विश्वास का प्रोग्राम रखा है तो शो के लिए कुछ टिकट देकर गए हैं ..!!

राजवीर मुस्कुराते हुए बोले,"क्या कुमार विश्वास का प्रोग्राम है फिर वो मन में बुदबुदाया ," कल मैं अनु को लेकर जरूर जाऊंगा इतने दिन से मैं बताता था कुमार विश्वास ऐसा बोलता है ऐसा कविता कहते हैं ,कल उसे साक्षात in the flesh
रूबरू करवाऊंगा वो खुश हो जाएगी ..!!

निम्मी ने फिर आगे शेड्यूल बताने लगी,"सर कल यहां के एमपी से मुलाकात करने होटल ओबेरॉय जाना होगा बहुत दिन से डिले था उनके साथ एक मीटिंग तो मैंने कल सात बजे का समय दे दिया है..!!

राजवीर ने आंखें सिकोड़ कर कहा,"निम्मी ,कल मीटिंग है ,और कुमार विश्वास का प्रोग्राम कब स्टार्ट होगा ..!!

निम्मी ने अपने पर्स से टिकट निकालकर देखी और बोली ,"सर सात बजे से है और आपका मीटिंग भी सात बजे से है ..!!

राजवीर ने कहा,"निम्मी तुम कैसे भी करके एमपी के मैनेजर तक बात दो मीटिंग छः बजे होगी वरना केंसिल कर देना वो ना माने तो ..!!

निम्मी ने कहा,"यस सर..!!


राठौड़ हाउस में...

घर में अनु आज पूरे घर को शालू के साथ देखी शाम तो निकल गई अब रात को जाना बाकी था राजवीर फोन कर दिया अनु को वो लेट से आएगा ...!!

अनु डिनर किया और बिस्तर पर बैठी अपनी शादी की फोटो और फैमिली का देखने लगी उसने बहुत सारे चेहरे देखे जो सिर्फ आवाज से पहचानती थी ,अनु को नींद आने लगी शादी के एल्बम देखते वो एल्बम बंद किया और नाइट लैंप के टेबल पर रख दिया वो पैर सीधा की और सोने लगी ..!!

राजवीर बारह बजे घर आया उसने हल्का ड्रिंक किया था तो अनु को जगाना नहीं चाहता था वो आया रूम में और फ्रेश होकर सोफे पर सो गया ..!!

आधी रात होने लगी....

अनु नींद में जोर जोर से चीख रही थी कौन हो तुम ,वो बड़बड़ाने लगी और फिर अंत में चीखी और नींद खुल गई ,वो डर से पसीने से तर बतर हो गई थी..

राजवीर भी जाग गया और अनु को देखा वो डरी हुई थी फिर जल्दी से लाइट चालू किया और अनु के पास आकर बिस्तर के कोने में बैठते हुए अनु के डर से कांपते हाथ को पकड़ कर पूछा ,"क्या हुआ अनु तुम चीखी क्यों और कांप क्यों रही हो , डरावना सपना देखा क्या ..??

अनु ने सिर हिलाया और हकलाते हुए बोली,"वीर , मैंने सपना देखा वहां धुंध (कोहरा) ही धुंध था और जब धुंध के उस पार गई तो एक लड़की थी फ्रॉक पहनी थी वो लगभग पंद्रह सोलह साल की लड़की होगी वो सुनसान सड़क पर भाग रही थी मेरी चुनरी खिंचते उसके काले लंबे बाल थे खुले हुए , मैं उसके पीछे थी जब मैंने पूछा तुम कौन हो तो वो कुछ नहीं बोली और खड़ी हो गई फिर अचानक वो मुझे देखी तो सिर्फ उसकी नीली आंखें दिखी ..!!

राजवीर ने संत्वाना देते कहा,"अनु डरो नहीं ,शायद दो दिन तक हॉस्पिटल में थी तुम वहां लाखों लोगों कि आवाज आ रही थी तो हो सकता है तुमने किसी से बात करते सुना कुछ हो और मन में अलग तरह का सपना आया तुम्हें ,अब सो जाओ चलो मैं यही हुं , फिर अनु बिस्तर पर लेट गई तो राजवीर ने चादर ओढ़ा दिया अनु को और सिर पर हाथ फेरते हुए कहा,"आंखें बंद करके सो जाओ चलो ,अनु आंखें बंद किया और राजवीर ने लाइट बंद किया और सोफे पर चला गया सोने ..!!

अगली सुबह...

खुराना मेंशन ...

सुबह सुबह लॉन में बैठकर जज साहब अमरीश खुराना (अरनव के पिता )और मृदुला (मां अरनव के )जी चाय का लुत्फ ले रहे थे नवंबर का महिना था और गुलाबी ठंड बढ़ रही थी वो दोनों गर्म साल में लिपटे हुए बात करते चाय पी रहे थे ..

मृदुला जी बोली,"आज शाम घर जल्दी आ जाना आप आज कुमार विश्वास को सुनने जाना है दो घंटे का प्रोग्राम है मैं मिस नहीं करना चाहती हुं..!!

अमरीश) जज साहब ने चाय की घुंट लिया और कहा,"ओह.. हां ,आज कुमार विश्वास का शो है ,देखता हुं जल्दी करने के लिए वैसे कितने बजे से प्रोग्राम स्टार्ट है ..??

अरनव एक्सरसाइज कपड़ों में दौड़ लगाकर आते हुए बोला,"शाम सात बजे से है , क्या आप दोनों भी जा रहे हैं वहां शो में..??

मृदुला ने कहा,"हां , कुमार विश्वास हमारे फेवरेट कवि हैं तो सुनने जाना ही जाना है , क्यो कहीं तुम्हारी ड्यूटी तो वहां नहीं लगा अरव ,वो मुस्कुरा कर बोली..!!

जज साहब ने कहा,"पुलिस की ड्यूटी तो यही होती है लोगों को सेफ्टी देना फिर तो यहां बड़े बड़े लोग शिरकत करेंगे इसलिए यहां पुलिस की इंतजाम तगड़ी होगी , क्यों बरखूरदार ..??

अरनव जो पेपर की हेडलाइन देख रहा था और मॉम डैड की बात भी सुन रहा था , फिर वो भी अब चेयर पर बैठा और बोला,"यस डैड ,आप सही बोल रहे हैं हमें सब काम को छोड़कर प्रोटेक्ट करने आना होता है,डैड मैं रिपोर्टर सूरज का केस हेंडल कर रहा हुं उसकी फाइल अब मेरे हाथों में है और इन्वेस्टिगेशन चालू कर दिया है मैंने कुछ ऐसे चेहरे हैं जो छुपे हुए हैं उसे बाहर तो मैं लाऊंगा ही लाऊंगा ..!!

मृदुला जी फिर नाराज़ भाव से बोली,"बस यही रूक जाओ दोनों मैं कुमार विश्वास के अलावा किसी और के बारे में नहीं सुनना चाहती समझे दोनों , वैसे भी मैं दोनों बाप बेटे से परेशान रहती हुं दोनो को मेरे लिए फुर्सत ही नहीं रहता ..!!

जज साहब ने कहा,"अरव शांत हो जाओ , तुम्हारी मॉम को इरिटेट करती है हमारी केस के सिलसिले में बात करना ..!!

अरनव ने कहा मुस्कुराते हुए,"ओके , ओके हम बात नहीं करते , फिर मैं चलता हूं आप दोनों बात करो ,वो उठकर जाने लगा ..!!

मृदुला जी भी उठी और बोली ,"मैं भी किचन जाकर देखती हूं पुष्पा ने क्या नाश्ता की तैयारी करके रखी है उसे देखने ..!!

जज साहब दोनों मां बेटे को आंखें फैलाकर देखा और बोला,"लो भाई हम जब बात कर रहे थे बाप बेटे तो तुमने चुप करा दिया और अब उठकर जा रही हो ,नॉट फेयर मृदु ..??

मृदुला जी जाते जाते हंसते बोली ,"मैं जा रही हुं न्यूज पेपर वहीं रखा है पढ़ो आप ..!!

राठौड़ हाउस में..

अनु आज सुबह से खुद से तैयार हो गई और राजवीर के वर्क आउट करके आते तक नीचे रूम छोड़कर चली गई वहां भी लकड़ी की एक छोटी सी मंदिर थी जहां श्रीकृष्ण जी अपने छोटे से मूर्ती में खड़े होकर मुरली ताने खड़े थे मुस्कुराते हुए ,अनु आई और आरती सजा कर अपनी उलझन भजन में बताने लगी गा कर ...

ओ पालनहारे ....निर्गुण और न्यारे
ओ पालनहारे..... निर्गुण और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं
तुम्हीं हमें हो संभाले ,तुम्हीं मेरे रखवाले

तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं
तुमरे बिन हमरा कौनो नाहीं


(राजवीर वर्क आउट करके आ रहा था उसने सुना अनु के मीठी आवाज़ को तो वहीं सीढ़ी के पास रुककर देखने लगा मुस्कुराते हुए,आज अनु साड़ी पहनी थी बाल खुले थे जो कमर से नीचे थे ,वो बस अनु को देख रहा था )

ओ पालनहारे ...निर्गुण और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनो ना हीं
हमरी उलझन सुलझाओ भगवन
तुमरे बिन हमरा कौनो ना हीं
ओ पालनहारे .....ओ पालनहारे
निर्गुण और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनो ना हीं ....

आरती खत्म हुआ और अनु ने आरती की थाली कान्हा जी के पैर के पास रखी और आरती लेकर कान्हा का प्रणाम करने लगी तो...

राजवीर ने मुस्कुराते हुए कहा,"क्या बात है अनु , इतनी मीठी आवाज की मालकिन हो , तुम पहले क्यों नहीं गाई , अब रोज ये भजन गाना अच्छा लगा सुनकर ..!!

अनु आते हुए बोली,"गाती थी मन में ,ये भजन तो आपकी मासा गाती है , मैंने उनसे सीखा था फिर आ गया गाना ...

कहानी जारी है.....


हेलो पाठक दोस्तों प्लीज़ अपनी ओपिनियन समीक्षा में जरूर दीजियेगा कहानी की हाई पॉइंट्स शुरू होने वाली है , प्लीज़ समीक्षा करिए और पढ़ें . धन्यवाद