काव्य संग्रह के अंतर्गत यह दूसरा भाग आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ। जिसमें पहली कविता में एक नारी ...
1मोती आज बहुत खुश था। उसे नया दोस्त जो मिल गया था। अब दिन भर उसी के साथ रहता ...
मुझे भी स्कूल जाना है! (बालिका शिक्षा हेतु लघु नाटक) अशरफ़ लकड़िया लेके आ रही थी । ...
1वह अपना करियर बनाना चाहती थी लेकिन उसका पति उसे रोक रहा था । शादी से पहले ही ...
"सरपट दौड़ते इस जमाने की गति अर्जुन के तीर से भी तेज हो गयी है, ऐसा आभास होता है ...
हर कोई रमेश की तारीफ़ करता फिरता था। कुछ लोगो ने तो उसे कलयुग का श्रवण कुमार का दर्जा ...
प्रतीक्षा ...