Divya Prakash Dubey Books | Novel | Stories download free pdf

वीकेंड चिट्ठियाँ - 21

by Divya Prakash Dubey
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सेवा में, कुमारी डिम्पल, सविनय निवेदन है कि तुम हमें बहुत प्यारी लगती हो। हम ये चिट्ठी अपने ख़ून से लिखकर ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 20

by Divya Prakash Dubey
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तुम्हें dear लिखूँ या dearest, ये सोचते हुए लेटर पैड के चार कागज़ और रात के 2 घंटे ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 19

by Divya Prakash Dubey
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संडे वाली चिट्ठी‬ ------------------ पिछले हफ्ते पहली किताब( टर्म्स एंड कंडिशन्स अप्लाई) आए हुए 6 साल पूरे हुए। 6 साल पहले ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 18

by Divya Prakash Dubey
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डीयर बीवी, मैं इंटरनेट पर हर हफ्ते में इतने ओपेन लेटर पढ़ता हूँ और ये देखकर बड़ा हैरान होता ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 17

by Divya Prakash Dubey
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संडे वाली चिट्ठी‬ ------------------ Dear पापा जी, कुछ दिन पहले आपकी चिट्ठी मिली थी। आपकी चिट्ठी मैं केवल एक बार पढ़ ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 16

by Divya Prakash Dubey
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डियर J, मुझे ये बिलकुल सही से पता है कि मैं अपने हर रिश्ते से चाहता क्या हूँ। मुझे क्या ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 15

by Divya Prakash Dubey
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बाक़ी सब में कितना कुछ समा जाता है न, मौसम, तबीयत, नुक्कड़, शहर, घरवाले, पति, ससुराल सबकुछ । ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 14

by Divya Prakash Dubey
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सुनो यार पागल आदमी, तुमसे ही बात कर रहा हूँ, तुम जो सड़क के किनारे फटे कपड़े, बढ़ी हुई ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 13

by Divya Prakash Dubey
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चिट्ठियाँ लिखने का एक फ़ायदा ये है कि आपको लौट कर बहुत सी चिट्ठियाँ वापिस मिल जाती हैं। इधर ...

वीकेंड चिट्ठियाँ - 12

by Divya Prakash Dubey
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संडे वाली चिट्ठी‬ ------------------ डीयर आदित्य धीमन, और उन तमाम लोगों के नाम जो सोशल नेटवर्क पर लड़कियों ‘पब्लिकली’ को माँ बहन ...