नताशा की याद में वरुण रात भर ठीक से सो नहीं पाया। उसकी पूरी रात बेचैनी में कटी। अपनी इसी बेचैनी के साथ जब वह बालकनी में आया तो क्या देखता है, नताशा भारी कदमों से वापस जाती हुई उसे दिखाई दे रही थी। पीछे से नताशा को आवाज़ देने के बदले वरुण दौड़कर सीढ़ियों से उतरता हुआ बाहर आया। वह दौड़ता हुआ नताशा के सामने जाकर खड़ा हो गया। उसे भागता देखकर माही, रौशनी, वंदना सभी उसके पीछे भागे। लेकिन नताशा को देखकर सब वहीं रुक गए। मयंक ने कहा, "करने दो उन्हें बातें, हमें इस समय अंदर चले