क्षितिज के पुष्प

सुबह  साढ़े  छह  बजे तेजस  ने  ट्रेडमील   की  स्पीड  बढ़ायी  और  साथ  ही  अपने  पैरों  की  गति  भी ।  उसके सधे  पैर     अविराम  द्रुत  वेग  उस  अत्याधुनिक  प्राइवेट  जिम  रूम  में   अपनी  धाप  से  हल्की  चलती  संगीत  को  मात  दे रहे  थे ।  ओम  तो  कितने  पहले  ही  थक  कर  चूर  हो  गया  था ।  और  अब  फर्श  पर  बैठकर  गहरी  सांसे  लेता  तौलिया  गले  में   लटकाए अपने  पसीने   सूखा  रहा  था ।  उसने  पास  ही  रक्खा  एनर्जी  ड्रिंक  उठाया  और  एक   ज़िप  लेकर  जोर  से  चिल्लाया ....बस  कर  तेज  अब  क्या  मिल्खा  सिंह  को  भी  कॉम्लेक्स  देना   है ?