अगले दिन अस्पताल की हवा कुछ बदली हुई-सी थी। बाहर हल्की-हल्की धूप थी, लेकिन Raj और Anaya के बीच एक अजीब-सी बेचैनी थी।कल की वो नज़दीकियाँ, वो नज़रों की बातें… आज तक उनके दिल में गूंज रही थीं।Anaya अपने cabin में reports देख रही थी, पर ध्यान कहीं और था।हर बार Raj का नाम किसी file पर दिखता, दिल की धड़कन तेज़ हो जाती।उसने खुद से कहा, “बस काम पर focus करो,”पर दिल ने जवाब दिया — “अब ये सिर्फ़ काम नहीं रहा…”Raj भी अपने cabin में files के बीच खोया था। उसकी नज़र बार-बार clock पर जा रही थी