अधुरी खिताब - 25

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एपिसोड 25 : “परछाई का पुनर्जन्म”1. दिल्ली की लाइब्रेरी – वो स्याही जो सांस लेती थीदिल्ली यूनिवर्सिटी की पुरानी लाइब्रेरी में हल्की-सी ठंडक थी।काँच की खिड़कियों पर धूल की परतें और बीच में अकेली अदिति राठौर —कंधे पर किताबों का बैग, और आँखों में अनजानी बेचैनी।उसने “अधूरी किताब – अंतिम अध्याय” को फिर खोला।पहला पन्ना खाली था, बस कोने में एक वाक्य खुद उभर रहा था —> “कहानी वहीं लौटती है, जहाँ स्याही पहली बार बहती है…”अदिति ने पन्ना पलटा —और अचानक टेबल पर रखा लैम्प अपने आप जल उठा।लाइट की पीली किरण में धूल के कण ऐसे तैरने