जुनून की हदेंरिटा अब भी दानिश के केबिन में थी। उसकी नज़रें उस कुर्सी पर टिकी थीं, जहां कुछ देर पहले दानिश बैठा था। उसने धीरे-से अपनी उंगलियाँ उस टेबल पर फिराईं, जहाँ दानिश के हाथ अभी-अभी टिके थे। एक गहरी साँस लेते हुए, उसने हल्की मुस्कान के साथ खुद से कहा,"तुम भाग सकते हो, दानिश… लेकिन ज्यादा देर तक नहीं।"रिटा के दिल में एक अजीब-सा जुनून था। वह हार मानने वालों में से नहीं थी। उसकी पूरी ज़िंदगी में कभी किसी चीज़ के लिए ‘ना’ नहीं सुना था। फिर यह दानिश कौन होता था उसे ठुकराने वाला?वह कुर्सी पर