जो कहा नहीं गया (एक प्रेम, जो राज्य का नहीं… आत्मा का था) विरक्त राजकुमार राजकुमार विष्णु का जन्म राजघराने में हुआ था, लेकिन मन उसका वन और वेदांत में बसता था। बचपन से ही उसके भीतर एक अलग चंचलता थी – ना तख़्त की लालसा, ना युद्ध की अभिलाषा। पिता ने उसे 15वें वर्ष में ही विद्या व धर्म के लिए आश्रम भेज दिया — जहाँ ऋषियों के बीच जीवन अनुशासन, संयम और सेवा में बीतता। वहीं एक दिन वो उसे मिली। वो कन्या… राध्या आश्रम की रसोई में एक कन्या सेवा करती थी — राध्या। ना वह