द्वारावती - 49

  • 825
  • 330

49“गुल। तुम्हें तुम्हारे प्रश्न का उत्तर मिल गया। अब मेरे प्रश्नों के उत्तर दो।”“अवश्य।”“एक, तुम इतने दिनों तक कहाँ थी? दो, इतने दिनों तक क्यों नहीं आइ?तीन, इतने दिनों पश्चात क्यूँ आइ? कैसे आइ?चार, तुम जिस मंत्र का जाप कर रही थी वह कौन सा मंत्र है? उसका प्रभाव क्या है?पाँच, उस मंत्र का जाप क्यूँ कर रही थी?छः, तुमने यह मंत्र कहाँ से सीखा? मुझे इन प्रश्नों के उत्तर दो, गुल।”“छः प्रश्न। सभी के उत्तर देने में समय लगेगा।तुम्हारे पास इतना धैर्य है?”“मेरे भीतर धैर्य का अभाव नहीं है। बस तुम कहती जाओ।”“ठीक है। आओ यहाँ बैठो।” गुल समुद्र की