अब आगे,वही दूसरी तरफ, दिल्ली में, सिंघानिया मेंशन में,एक करीब 55 वर्षीय आदमी सिंघानिया मेंशन के हॉल में अपने किंग साइज सोफे पर बैठ कर आराम से अखबार पढ़ रहे होते है और साथ में किसी महिला को आवाज लगाते हुए कहते है, " अरे, मानसी मेरी चाय मुझे आज ही मिलेगी न..!" उस आदमी की आवाज सुन कर, एक महिला सिंघानिया मेंशन के रसोई घर से आते हुए, उस आदमी से कहती हैं, " अरे चाय बनने में समय तो लगता ही है ना और मुझे सिर्फ आप के लिए ही चाय नही बनानी होती हैं घर ले बाकी लोगो के लिए