25=== आशी कहाँ पुरानी स्मृतियों के जाल से निकल पा रही थी? उसे माँ-पापा के संवाद सुनाई देने लगे-- “शायद यह सब ठीक नहीं है---”उसने अपने पिता की आवाज़ सुनी थी| “क्या---क्या ठीक नहीं है ? ”सोनी पूछ रही थी | “सोनी ! तुम ही सोचो, पहले तो आशी के जन्म पर ही तुम कितनी मुश्किल से बची हो----जानती हो न कितना सीरियस केस हो गया था! यह तो भला हो डॉ.सहगल का कैसे फटाफट अपनी गाड़ी में डालकर तुम्हें अपनी दोस्त डॉ.झवेरी के यहाँ ले गए जहाँ ऑपरेशन से तुमने आशी को जन्म दिया| “ये बीती कहानी बार-बार क्यों