नजायज रिश्ते - भाग 3

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सभी एक दूसरे को धक्का-मुक्की कर खड़े होने की जगह बना रहे थे। उस वक्त प्रीत को आराम से खड़े होने में भी दिक्कत हो रही थी। लेकिन भीड़ बहुत ज्यादा थी। प्रीत ठीक से खड़ी भी नहीं हो रही थी। वह एक टांग पर खड़ी थी और जल्द ही शहर आने का इंतजार कर रही थी। प्रीत की पीठ में रखे बैग ने प्रीत के सूट को प्रीत की कमर से और भी कस कर खींच लिया। जिसे प्रीत के जिस्म की बनावट सूट के बाहर दिखाई देने लगी थी। प्रीत की नाभी और गोरे बदन को सूट के