वो माया है.... - 15

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(15)तय हुआ था कि कल सुबह पुष्कर और दिशा नहाकर पूजाघर में जाएंगे। किशोरी उन्हें ताबीज़ देंगी। दोनों ताबीज़ पहन लेंगे। पुष्कर और दिशा अपने कमरे में जाने के लिए आंगन में आए तो रसोईघर की बत्ती जल रही थी। पुष्कर ने कहा,"दिशा तुम ऊपर जाओ। मम्मी किचन में होंगी। मैं उनसे मिल लेता हूँ।""तो मैं भी मिल लेती हूँ पुष्कर।"दोनों रसोई में गए। उमा अकेले खाना बना रही थीं। पुष्कर ने चप्पलें बाहर उतार दीं। अंदर जाकर उमा के पैर छू लिए। उमा ने उसकी तरफ देखा। पुष्कर ने कहा,"मम्मी मुझे माफ कर दीजिए। मुझे मालूम है। आपको मेरी