(9)दिशा ने ध्यान से सुना तो उसे लगा कि नीचे कोई पूजा चल रही है। उसे आश्चर्य हुआ कि इतनी रात गए कौन सी पूजा हो रही है। पुष्कर का ध्यान भी आती हुई आवाज़ों की तरफ था। उसने ध्यान से सुना। कुछ चीज़ें उसकी समझ में आईं। उसके बचपन में पापा हर मंगलवार की शाम को सुंदरकाण्ड का पाठ करते थे। तब उसे और विशाल को भी पास बैठा लेते थे। वह सोच रहा था कि अपने डर के कारण सब लोग पाठ कर रहे हैं। आखिर कब तक यह लोग इस तरह बेवजह का डर पाल कर रखेंगे।