तमाचा - 39 - (गुल )

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"नमस्ते आंटी जी।" बिंदु ने घर का मुख्य दरवाज़ा खोलते हुए कहा। जहाँ सारिका खड़ी थी।"नमस्ते ,कैसी हो बिटिया?""अच्छी हूँ। आप कैसे हो?""मैं भी ठीक हूँ। अब अंदर आऊँ या यहीं से सब बातचीत करे।" सारिका ने हास्य भाव के साथ बोला।"आइए ना! आप आजकल ऐसे कम ही आती हो ना घर पर। तो मैंने सोचा कोई काम है।" बिंदु ने सारिका को अंदर बुलाते हुए कहा। "नहीं , आज तो मैं घर पर बैठी बोर हो रही थी। तब सोचा तुम्हारे पास आ जाऊँ कुछ गपशप लगाने।" सारिका ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा। "यह तो अच्छा किया ना