मिस्टर एम् -आशीष बहुत परेशान रहता उंसे सदैव ही लगता कोई ऐसी वस्तु है जिसको जाने पाए बिना वह अधूरा है अपनी जिज्ञासा की शांति के लिए देव जोशी तो कभी त्रिलोचन महाराज कभी सतानंद जी के पास अपने जिज्ञासा से सम्बंधित प्रश्नों को रखता मगर उसे कोई उत्तर संतुष्ट नही कर पाता ।एक सप्ताह बाद जब वह सोने के लिए गया तो तुरंत ही बहुत गहरी निद्रा में सो गया स्वप्न लोक में विचरण करने लगा यम दूत आया और बोला आशीष जी आप जब तक हमे क्षमा नही करेंगे तब तक यम महाराज हमे क्षमा नही करेंगे मैं