विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 29

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विश्वास (भाग --29)टीना का मन अशांत था , उसे बार बार भुवन के पापा की रोना याद आ रहा था। भुवन और मोहन उसको हँसाने के लिए किस्से सुना रहे थे। रास्ते मे एक जगह रूक कर सब फ्रेश हुए फिर नाश्ता किया। दोपहर लंच तक वो लोग टीना के घर पहुँच गए।उमा जी ने पहले ही बता दिया था तो खाना भी तैयार था। भुवन और मोहन ने खूब मना किया पर इस बार दादी ने उन्हें खाना खिला कर भेजा। फिर जल्दी मिलेंगे का वादा कर दोनो चले गए। टीना दोनो को नीचे छोडने गयी तो उसने भुवन