एक था ठुनठुनिया - 6

  • 4.3k
  • 2.4k

6 चाँदनी रात में नाच जाने कितने दिनों तक गुलजारपुर में उस जंगली भालू की चर्चा चलती रही, जो लपकते-झपकते हुए गाँव की चौपाल पर आया था और वहाँ से रामदीन चाचा के घर की ओर गया। आखिर में सबकी सिट्टी-पिट्टी गुम करता हुआ, वह गायब हो गया। “गायब होने से पहले उसने बड़ा जबरदस्त नाच दिखाया था। और हाँ, उसके पैरों में चाँदी के बड़े-बड़े और खूबसूरत छल्ले भी थे, जो बिजली की तरह चम-चम-चम चमक रहे थे! अजीब-सी डरावनी छन-छन-छन और टंकार हो रही थी...!” गाँव के मुखिया ने कसम खाकर यह बात कही थी। यों किसी-किसी का