राज-सिंहासन--भाग(२०)

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प्रातःकाल हुई,वृक्षों पर पंक्षियों का कलरव आरम्भ हो चुका था एवं सूर्य भी अपनी लालिमा सम्पूर्ण जगत में प्रसारित कर रहा था,तभी सहस्त्रबाहु की निंद्रा टूटी,उसने सभी को भी जगाने का प्रयास किया,शीघ्र ही सब निंद्रा को त्यागकर जाग उठे,सभी आगे़ की योजना हेतु विचार-विमर्श कर ही रहे थे कि तभी उन सभी के पास सैंनिको का मुखिया अखण्डबली आ पहुँचा और बोला..... रानी बसन्तसेना का आदेश है कि हर्षवर्धन को शीघ्र ही उनके समक्ष प्रस्तुत किया जाएं।। परन्तु!किस कार्य हेतु,भालचन्द्र बने वीरप्रताप ने पूछा। वो तो मुझे ज्ञात नहीं,अखण्डबली बोला।। ऐसे कैसें हम सभी अपने भ्राता को आपकी रानी