इतिहास का वह सबसे महान विदूषक - 15

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15 होली की रंगों भरी ठिठोली राजा कृष्णदेव राय होली पर पूरी तरह आनंदविभोर होकर फाग के रंगों में रँग जाते। लिहाजा विजयनगर में होली के अवसर पर धूमधाम देखते ही बनती थी। कई दिन पहले से फाग की तैयारियाँ शुरू हो जातीं। तरह-तरह की मिठाइयाँ और पकवान बनते। राजदरबार में आकर होली मनाने वाले खास मेहमानों के लिए मिठाई के साथ-साथ केवड़ा मिली खुशबूदार ठंडाई का इंतजाम होता। फागुन की बहार आते ही पूरा शहर रंग-बिरंगी झंडियों से सज जाता। दूर-दूर के गाँवों से लोकगायक और लोकनर्तक राजधानी आकर अपने रंग-रँगीले कार्यक्रम पेश करते। इस अवसर पर विदूषकों की