मेरी लेखन यात्रा - 2

  • 5.5k
  • 2.4k

इससे पहलेलेखन की शुरुआत होने पर मैं दो लोगो के सम्पर्क में आया।पहला राजेन्द्र जैन।इसकी कहानी भी अजीब थी।जैसा उसने बताया वह हिमाचल का रहने वाला था।उसके पिता ने शादी कर ली थीं।सौतेली माँ से परेशान होकर वह घर से भाग आया था।और आगरा फोर्ट स्टेशन पर ए एच् व्हीलहर की बुकस्टाल पर काम करता था।उन दिनों में छोटी लाइन के बुकिंग ऑफिस में काम कर रहा था।लिखना शुरू हो चुका था।मेरी कहानियां फिल्मी दुनिया,ग्लेमर,सीने दर्पण,रोमांटिक दुनिया,सच्चे किस्से,लोटपोट,नन्हे सम्राट,फ़िल्म रेखा,अरुण आदि पत्रिकाओं में निकलने लगी थी।मैं बुक स्टाल पर पत्रिकाएं देखने के लिए जाता था।राजेन्द्र मेरा हमउम्र था।उससे दोस्ती हो