आगे की पढ़ाई के लिए उसके गांव में स्कूल नही था।उसे जोबनेर के स्कूल में भर्ती करा दिया गया।जोबनेर उसके गांव से दो मील दूर था।वह गांव के लड़कों के साथ स्कूल जाने लगा।वह गन्दे लड़को की सगत मेंं पड़ गया ।उसका पढ़आई से ज्यादा ध्यान खेल में रहनेे लगा।जिसकी वजह से वह पढ़ाई में पिछड़ने लगा।आठवी क्लास तक तो वह जैसे तैसे पास होता रहा लेेेकीन नवी क्लास में आकर अटक गया।जब वह लगातार दो साल तक फेल हुआ।तब उसकेे कारनामे सामने आए।उसका मन पढ़ाई में न देख कर उसका स्कूल छुड़ा दीया गया।स्कूल जाना बंद