मित्रता का कर्त्तव्य

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रघुवन के दो बंदर, सोनू और मोनू बहुत अच्छे मित्र थे | दोनों हमेशा साथ साथ रहते थे| उनका खाना पीना, घूमना फिरना, सोना जागना सब साथ में ही होता था| सोनू बहुत शांत और संयमित व्यवहार का था| उसके विपरीत, मोनू बहुत तेज और नटखट स्वभाव का था| मोनू शरारतें करता और सोनू मित्र होने के नाते उसका साथ देता| शरारतें करने का सोनू का स्वभाव तो नहीं था, पर अपने मित्र मोनू से वो अलग नहीं रहना चाहता था| इसी कारण कभी कभी वो मोनू के साथ विपत्ती में भी फंस जाता था|एक दिन मोनू पास के खेत