क्या फर्क पड़ता है,असल में हम कैसे हैं, जिसने जैसी सोच बना ली उसके लिए हम वैसे ही है।किसी को किसी सीमा तक ही समझाया जा सकता है अगर सामने वाले ने हमें गलत समझ लिया है,तो हमारे लाख प्रयासों के बाद हो सकता है वह आपके सामने आपको दिखाने के लिए हां कह दे, परंतु बाद में कुछ समय बाद उसकी वह सोच आपके लिए बुरी ही रहेगी इसलिए अपने को अपनी नजर में सही रखें दूसरे के लिए समय बरबाद न करे।हर हर महादेव❤️
- Rashmi Dwivedi