मेरा बड़ा प्यारा शेर है ये गौर से पढ़िए
मोहब्बत तो हो गई
मगर मसाला वहीं हैं
याद इंतजार वही रोना वही ग़म
मेने उनसे कहा आप चाहते क्या हो
उसने कहा इश्क का मज़ा चाहते हैं
मेने सोचा और ये कहा ये
कैसा इश्क है कैसी मोहब्बत है
इससे अच्छा तो तेरा ना होना ही ठीक है
फिर मैंने दिल पे पत्थर रख के
उसे अलविदा कह दिया