मुद्दत हुई हादसा-ए-इश्क़
को लेकिन,
अब तक तेरे दिल की धड़कन याद है...
छेड़ा था जिसे पहले-पहल नज़र ने तेरी
मुझको अब तक वो एक नग़्मा याद है..
मैं शिकवा ब-लब था उसे ये भी न रहा याद,
मुझें उसका देखा आईना आईना याद है...
क्या जानिए क्या हो गया वफ़ा को
मुझ को जीने मरने के सिवा सब याद है...
क्या लुत्फ़ कि मैं अपना पता आप बताऊँ,
हाँ हाँ मुझें तेरे दामन की हवा हवा याद है...