आया हरियाली तीज का पावन त्यौहार
रिमझिम बूंदों संग बरसे खुशियों की बहार
धरती ओढ़े हरी चुनरिया, कैसे दुल्हन सी शर्माए
पिया मिलन की आस में यह तो सिमटी जाए।
ओ,आया तीज का त्यौहार, लाया खुशियों की बहार २
भैया अब के सावन तू भी जल्दी आना
परदेस में है तेरी बहना, तू मत ये बिसराना
सिंधारे की नहीं लालसा, बस आशीष मुझे दे जाना।
ओ,आया तीज का त्यौहार, लाया खुशियों की बहार २
तेरे नाम की रचा के मेहंदी, पिया हरी चूड़ियां खनकाऊं
देखूं जब जब तेरी मोहिनी सूरत, सुध-बुध मैं बिसराऊं
मधुर मिलन की सोच के, हाय लाज से मैं मर मर जाऊं।।
ओ,आया तीज का त्योहार, लाया खुशियों की बहार २
ये बैरी भी बैरी सावन, दिल में हूक सी उठ जाए
याद कर पीहर की गलियां, वो भूली बिसरी सखियां
आंखें मेरी सावन भादो सी हाय बरसती जाएं।।
ओ, आया तीज का त्यौहार, लाया खुशियों की बहार २
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati