Tu Jhoothi Main Makkar movie review books and stories free download online pdf in Hindi

तु झूठी मैं मक्कार फिल्म रिव्यू

लव रंजन का लक्ष्य है प्रेम कहानियों को बहुत ही खूबसूरत तरीके से बेहद दिलदार अदाकारी और संवाद लेखन से बढ़े स्क्रीन पर रंगीन तरीके से दिखाना। सरल कहानी पर शानदार निर्देशन का तड़का और उसपर रणबीर श्रद्धा का चटकेदार मसाला और साथ है लजीज़ सह कलाकारों का रायता और आचार। कुल मिलाके मिलेगा पेटभर के ज़ायकेदार मनोरंजन।

कहानी है मिकी और डबास की। वे लोग खुद अमीर बाप की औलाद हैं इसलिए जिंदगी में रोमांच लाने के लिए एक नया धंधा शुरू करते हैं, ब्रेकअप करवाने का धंधा। उनके ब्रेकअप के तरीके मॉडर्न हैं। सामने वाले को बुरा भी न लगे और ब्रेकप भी हो जाए। अब डबास की शादी होने वाली है। उसको उसकी मंगेतर बहुत प्यार करती है। वो अपने साथी मिकी को अपना ब्रेकअप करवाने को बोलता है। मिकी उसका ब्रेकअप करवाते हुए खुद दोस्त की मंगेतर की सहेली टिन्नी के प्यार में पड़ जाता है।

यहां दोस्त डबास मिकी को कोसता है ब्रेकअप करवा और वहां मिकी और टिन्नी की लव स्टोरी शुरू हो चुकी है। टिन्नी इतनी सरल नहीं है पर मिकी उसे पटा लेता है। उनके प्यार को देखते हुए लगता है कुछ तो गड़बड़ है दया। ये सब इतना जल्दी क्यों हों रहा है। आखिर ये लोग करना क्या चाहते हैं।

एक बार तो लगा की अभी सच्चाई बाहर आएगी और उनका ब्रेकअप होगा, क्योंकि दोनों को देखकर लग रहा था की एक दूसरे से नाटक कर रहे हैं और एक दूसरे को दोखा दे रहे हैं, पर ऐसा कुछ फिलहाल नहीं होता। प्यार होलीडे से शुरू होके उनके घर तक और उनके माता पिता तक बड़े सलीके से पहुंच जाता है।

फिर क्या? अचानक कहानी लेती है नया मोड़? प्यार बनता है बंदिश, सच अब कड़वा लगने लगा और पार्टनर लगने लगा दुश्मन? आगे क्या हुआ? शादी या ब्रेकअप?

फिल्म में बहुत ही अच्छे कॉमेडी सीन हैं। जिन्हें आपने पहली बार तो नहीं देखा होगा पर एक अच्छे टाइमिंग और डायलॉग्स से कॉमेडी सही में आपको हंसा देगी। बस कर बस्सी वाले बस्सी का रोल अच्छा है। रणबीर मतलब मिकी का स्क्रीन प्रेजेंस और उनका लव सीन देने का तरीका बहुत पसंद किया गया है। श्रद्धा कपूर का बहुत ही बोल्ड अवतार है। इस लड़की से आप डांस करवाओ, ऐक्ट करवाओ, कॉमेडी करवाओ, सब कर लेगी। बोनी कपूर मैने पहली बार फिल्म में देखे हैं। डिंपल कपाड़िया अभिनय की रानी हैं और बाकी थोड़ी देर आप कार्तिक आर्यन और नुसरत भी देख सकेंगे।

फिल्म के माध्यम से परिवार की भावनाएं और प्रेम को व्यक्त किया गया है। आज कल जो अकेले रहने का फैशन है उस पर सवाल उठाए गए हैं। कैसे प्रेम करने वाले अच्छे परिवार में रहने से रिश्तों में मजबूती आती है उसको सुंदर संवाद से पेश किया गया है।

फिल्म में कई बार डायलॉग्स बहुत ही तेज़ गति से बोले गए है जिससे 40 वर्ष से अधिक उम्र वाले जल्दी समझ नहीं पाएंगे, इतना पेस केवल 20s और 30s वाले ही समझते हैं। रणबीर और बस्सी का कॉमेडी टाइमिंग जबरदस्त है। भाई बस्सी लम्बी रेस का घोड़ा है।

गीत बहुत बढ़िया हैं। प्रीतम का संगीत और अमिताभ भट्टाचार्य के बोल बहुत ही जबरदस्त कॉम्बिनेशन हैं। जैसे की लव रंजन की फिल्मों में होता है इस फिल्म की भी बहुत मार्केटिंग नहीं हुई, लोग एक दूसरे से सुनकर फिल्म देखने जाते हैं। सोनू के टीटू की स्वीटी में भी यही हुआ था, लोग बिना किसी बढ़ी स्टार कास्ट के भी वो फिल्म मनोजन लेने के लिए देखने गए और पैसा वसूल करके लौटे। यहां भी पैसा वसूल है। देख लें।

बहुत छोटे बच्चे लेकर सिनेमा हॉल न जाएं। इससे बच्चे, आप और अन्य दर्शकों सभी को बहुत ज़्यादा तकलीफ होती है। ठीक है कोई बोलता नहीं पर भावनाओं को समझें।

– महेंद्र शर्मा २९.०३.२०२३