shekhar kharadi Idriya 2 year ago

बिल्कुल सार्थक कहा और सटिक आकलन क्योंकि जहां भावनात्मक लगाव खत्म होता है वहां गहरा दर्द-ए-पिन्हां का आगमन होता है । तथा स्वार्थ और महत्वाकांक्षा की दृष्टि से बनें रिश्तों में छल, कपट, धोखा , प्रपंच जैसे दुराचारी या अनैतिक गुणों का इस्तेमाल परस्पर मनुष्य बेझिझक करता है ।

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