औरत कितने किरदार अदा करती है...
और सब कुछ बहुत अच्छे से करती है...
पर जब एक माँ बन कर वो इतनी अच्छी है
तो सास बन कर क्या हो जाता है...
ज़रा सोच कर देखिए...
ज़्यादा नही... बस सोच का ही फ़र्क़ है...
बेटी के लिए पूरी दुनिया से लड़ रही है
और बहू के लिए भी लड़ तो रही है
पर अपने ही बेटे से...
बहू की ख़ामियाँ गिनवा रही है...
बहू में अगर ख़ामियाँ नही चाहिए
तो बेटियों को बेहतरीन बनाइए...
ताकि वो बेहतरीन बहू बन सके...
और आइने में ख़ुद को निहारिए
क्या आप ख़ुद बेहतरीन है....???
-स्मृति