मेरी कलम से निकले हैं वो अल्फ़ाज़,
जो सीधे दिल के दरवाज़े पर करते हैं दस्तक हर बार।
ना कोई शोर, ना दिखावा मेरा,
बस सच्चे जज़्बातों से लिखा हर इक लफ्ज़ है मेरा।
तू पढ़ेगा तो लगेगा जैसे तू ही इसमें बसा है,
तेरे ही जज़्बों की स्याही से ये हर शेर लिखा है।
मैं नहीं बस एक writer, मैं वो आइना हूँ,
जिसमें हर कोई खुद को देखे — और खिंचता चला आए बिना कोई वजह पूछे।
kajal Thakur 😊