ना जाने कौन सी जात, कौन सा धर्म है,
श्रद्धा और सबूरी ही जिनका मर्म है।

रास्ते चाहे अनेक है, मंजिल सबकी एक है,
इरादे भी नेक है, सबका मालिक एक है।

#Saibaba

Hindi Religious by Chapara Bhavna : 111836265

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